तीन ताल हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत के प्रसिद्ध तालों में से एक है। यह उत्तर भारत में सर्वाधिक प्रचलित है। यह लयबद्ध सरंचना का सममित स्वरूप है।
धा धिं धिं धा | धा धिं धिं धा | धा तिं तिं ता | ता धिं धिं धा |
धा त्रक धिं धा | धा त्रक धिं धा | धा त्रक तिं ता | ता त्रक धिं धा |
धागे धिग धिं धा | धागे धिग धिं धा | धागे तिग तिं ता | तागे धिग धिं धा |
धागे त्रकिट तूना कत्ता | त्रकिट तूना कत्ता त्रकिट | तागे त्रकिट तूना कत्ता | त्रकिट तूना कत्ता त्रकिट ||
धागे त्रकिट तूना कत्ता | त्रकिट तूना कत्ता त्रकिट | धा तूना कत्ता त्रकिट | धा तूना कत्ता त्रकिट ||
दीं नग किड़ नग | धागे त्रकिट दिने किने | तीं नग किड़ नक | धागे त्रकिट दिने किने ||
दीं नग किड़ नग | दीं नग किड़ नक | धागे त्रकिन दिने किने | दीं नग किड़ नक || तीं नग किड़ नक | तीं नग किड़ नग | धागे त्रकिट दिने किने | दीं नग किड़ नक ||
धागे तिट घिड़ नग | तागे तिट किड़ नक | धिद्ध धिद्ध धिन ता | किड़ नग धागे तिट ||
धा s धिन ता | किड़ नक धागे तिट | ता s धिन ता | किड़ नक धागे तिट ||
धागे तिट घिड़ नग | धागे तिट घिड़ नग | तागे तिट घिड़ नग | धागे तिट घिड़ नग ||
धा किट धा कृधा | किट धागे तिट धीना | गीना त्रकिट तूना कत्ता | घिड़ा sन् नागे तिट || ता किट ता कृधा | किट तागे तिट तीना | गीना त्रकिट तूना कत्ता | किड़ा sन् नागे तिट ||
धागे त्रकिट धिन धिन | धिद्ध धिद्ध धिट तिट | त्रकिट धिने धित त्रकिट | धिट धिट धागे तिट || तागे त्रकिट दिन दिन | धिद्ध धिद्ध धिट तिट | त्रकिट धिने धिट त्रकिट | धिट तिट धागे तिट ||
आमद
दीं नग किड़ नक | धागे त्रकिट दिने किने | धा त्रकिट दिने किने | धा त्रकिट दिने किने ||
तिट कत गद गिन | धाती धाती टक तग | दगि नधा तीधा तिट | कत गद गिन धाती ||
यह कुल सोलह (16) मात्राओं का ताल हैं जिसमें चार-चार मात्राओं के चार विभाग होते हैं। तीसरे विभाग में ख़ाली होती है जो नवीं मात्रा पर होती है। पहली मात्रा पर सम होता है।
इसके मूल बोल निम्नलिखित हैं:
धा धिन् धिन् धा। धा धिन् धिन् धा। धा तिन् तिन् ता। ता धिन् धिन् धा
तीन ताल के कुछ टुकड़े:
ठेका ( मात्राएँ १६, ताली ३, खाली १)
दूसरा प्रकार:
दूसरा प्रकार:
तीसरा प्रकार:
कायदा:
आमद:
गत
1.
2.
3.
4.
5.
6.
7.
आमद
तीया
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